हिंदी ;केन्द्रिक
कोड सं. 302
कक्षा–11 पूर्णांक–100
(क) अपठित बोध ;गद्यांश और काव्यांश–बोध 10 +5=15
(ख) रचनात्मक लेखन ;कामकाजी हिंदी और रचनात्मक लेखन- 25
(ग) पाठ्य पुस्तक : आरोह ;भाग–1 > 20+15 =35
पूरक पुस्तक : वितान ;भाग–1> 15
(घ) मौखिक अभिव्यक्ति 10
क अपठित बोध : 15
1 काव्यांश – बोध: ;काव्यांश पर आधारित पाँच लघूत्तरात्मक प्रश्न- 05
2 गद्यांश – बोध: ;गद्यांश पर आधारित बोध प्रयोग, रचनांतरण, शीर्षक आदि पर लघूनरात्मक प्रश्न -10
(ख) रचनात्मक लेखन : ;कामकाजी हिंदी और रचनात्मक लेखन 15+10 =25
रचनात्मक लेखन पर दो प्रश्न
3 निबंध- 10
4 कार्यालयी पत्र -05
5 निर्धारित पुस्तक 'अभिव्यक्ति और माध्यम' के आधार पर जनसंचार की विधाओं पर दो प्रश्न
प्रिंट माध्यम ;समाचार और सम्पादकीय-}5
रिपोर्ट/आलेख}
6 फीचर लेखन ;जीवन–संदर्भों से जुड़ी घटनाओं और स्थितियों पर- 05
ग आरोह ;काव्य–भाग– 20 अंक, गद्य–भाग–15 अंक= 35
काव्य–भाग
7 दो काव्यांशों मे से किसी एक पर अर्थग्रहण के चार प्रश्न ;2+2+2+2= 8
8 काव्यांश के सौंदर्यबोध पर दो प्रश्न ;3+3= 06
9 कविता की विषय–वस्तु पर आधारित तीन लघूत्तरात्मक प्रश्न ;2+2+2= 06
गद्य–भाग
10 दो में से एक गद्यांश पर आधारित अर्थग्रहण संबंधित तीन प्रश्न ;2+2+2= 06
11 पाठों की विषयवस्तु पर आधारित चार में से तीन बोधात्मक प्रश्न ;3+3+3= 09
वितान – भाग : 1. >15
12 पाठों की विषयवस्तु पर आधारित चार में से तीन लघूनरात्मक प्रश्न ;3+3+3= 9
कक्षा – ग्यारहवीं
विषय – हिन्दी ;केन्द्रिक
कोड सं 302
समय: 3 घण्टे पू्र्णांक : 90
खण्ड 'क' (अपठित बोध)
1.निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गऐ प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न चिह्ननोंे में उठी हैं
भाग्य सागर की हिलोरें।
आँसुओं से रहित होंगी
क्या नयन की नमित कोरें?
जो तुम्हें कर दे द्रवित, वह अश्रुधारा चाहता हूँ।
मैं तुम्हारी मौन करुणा का सहारा चाहता हूँ।
जोड़कर कण–कण पण
आकाश ने तारे सजाए।
जो कि उज्ज्वल हैं सही
पर क्या किसी के काम आए।
प्राण! मैं तो मार्गदर्शक एक
तारा चाहता हूँ।
मैं तुम्हारी मौन करूणा का सहारा चाहता हूँ।
(क)मनुष्य की आँखों में आँसुओं के क्या कारण है? 2
(ख)आकाश को कृपण क्यों कहा गया है? वह क्यों किसी के काम नहीं आ सकता? 2
(ग) 'भाग्य–सागर की हिलोरे' में कौन सा अलंकार है ? 1
2.निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।2+2+2+2+2=10
मैं क्या था, इस विषय का ज्ञान मेरे मित्रों और हितैषियों को बहुत ही कम है। उन्होंने मुझे अनेक पत्र लिखे और उलाहने दिए हैं। वे चाहते हैं कि मैं अपनी जीवनकथा अपने ही मुँह से कह डालूँ। पर पूर्ण रूप से उनकी आज्ञा का पालन करने की शक्ति मुझमें नहीं है। अपनी कथा कहते संकोच होता है, उसमें तत्व भी तो नहीं। उससे कोई कुछ सीख भी तो नहीं सकता। तथापि जिन सज्जनों ने मुझे अपना कृपा–पात्र बना लिया है, उनकी आज्ञा का उल्लंघन भी धृष्टता होगी। अतएव मैं अपने जीवन से संबंध रखने वाली कुछ बातें सूत्र रूप में सुना देना चाहता हूँ।
नौकरी छोड़ने पर मेरे मित्रों ने कई प्रकार से मेरी सहायता करने की इच्छा प्रकट की। किसी ने कहा – 'आओ, मैं तुम्हें अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बनाऊँगा।' किसी ने लिखा–''मैं तुम्हारे साथ बैठकर संस्कृत पढ़ूँगा।'' किसी ने कहा– 'मैं तुम्हारे लिए छापा खाना खुलवा दूँगा।' पर मैंने सबको अपनी कृतज्ञता की सूचना दे दी और लिख दिया कि अभी मुझे आपके सहायता–दान की विशेष आवश्यकता नहीं। मैंने सोचा–अव्यवस्थित–चित् मनुष्य की सफलता में सदा संदेह रहता है। क्यों न मैं अंगीकृत कार्य ही में अपनी सारी शक्ति लगा दूँ। प्रयत्न और परिश्रम की बड़ी महिमा है। अतएव 'सब तज हरि भज' की मिसाल चरितार्थ करता हुआ इंडियन प्रेस प्रदत्त कार्य ही में मैं अपनी शक्ति खर्च करने लगा। जो थोड़ा बहुत अवकाश कभी मिलता तो उसमें अनुवाद आदि का कुछ काम और करता था।
(क)लेखक अपनी जीवन–कथा क्यों नहीं लिखना चाहता था?
(ख) नौकरी छोड़ने पर लेखक के मित्रों ने किस प्रकार सहायता करनी चाही?
(ग)'मैंने सोचा अव्यवस्थित–चित् मनुष्य की सफलता में सदा संदेह रहता है।'–आशय स्पष्ट कीजिए।
(घ)नौकरी से इस्तीफा देने के बाद लेखक ने क्या सोचकर इंडियन प्रेस के काम में सारी शक्ति लगा दी?
ङ) लेखक को अपनी जीवन कथा लिखने की प्रेरणा किनसे मिली? उपयुर्क्त गद्यांश के लिए कोई सटीक शीर्षक दीजिए।
3.निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखिए–10,
(क) वर्तमान युग और कम्प्यूटर
(ख) नशीले पदार्थ और युवा पीढ़ी
(ग) भारतीय किसान की स्थिति
(घ)आजीविका और शिक्षा – नीति।
4. अपने नगर के स्थानीय समाचार–पत्र के सम्पादक के नाम पत्र लिखिए और बताइए कि नगर में बिजली की कटौती से भीषण गर्मी में आम जन जीवन किस तरह प्रभावित हो रहा है। साथ ही अपनी ओर से कुछ समाधान भी सुझाइए। 5
अथवा
महाप्रबंधक, मानव संसाधन विभाग, इंडिया केमिकल्स लिमिटेड दिल्ली को विपणन अधिकारी पद हेतु एक आवेदन पत्र लिखिए।
5-(क)उल्टा पिरामिड किसे कहते हैं? 1
(ख)अंशकालिक पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं? 1
(ग) समाचार के किन्हीं दो माध्यमों के नाम लिखिए। 1
(घ) 'संचार' के दो कार्यों का उल्लेख कीजिए।1
(ङ) 'सम्पादकीय पृष्ठ' किसे कहा जाता है? 1
6. पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों पर एक फीचर लिखिए। -5
7.निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 2x4=8
कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए
कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।
यहाँ दरख्तों के साए में धूप लगती है।
चलो यहाँ से चलें और उम्र भर के लिए
(क)'दरख्तों के साए में धूप लगती है'– पंक्ति का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
(ख)कवि कहीं और जाने की बात क्यों कर रहा है?
(ग)'चिराग' से कवि का क्या अभिप्राय है?
(घ) यह सारे शहर या घर को हासिल क्यों नहीं हुआ?
अथवा
अंधकार की गुहा सरीखी
उन आँखों से डरता है मन
भरा दूर तक उनमें दारूण
दैन्य दु:ख का नीरव रोदन
वह स्वाधीन किसान रहा
अभिमान भरा आँखों में इसका
छोड़ उसे मँझधार आज
संसार कगार सदृश वह खिसका।
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
(ख) कवि का मन किन आँखों से डरता है और क्यों?
(ग) किसान की आँखों में किस बात का स्वाभिमान भरा है?
(घ)कवि ने संसार के लोगों पर क्या व्यंग्य किया है?
8.निम्नलिखित काव्यांशों के सौन्दर्य बोध पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। 3+3=6
एकै पवन एक ही पानी एकै जोति समाना।
एकै खाक गढ़े सब भाड़ै एकै कोहरा साना
क()सिद्ध कीजिए कि काव्यांश में अद्वैत ब्रह्म का प्रतिपादन हुआ है।
;(ख) कोहरा एवं भाड़ै का प्रतीकार्थ स्पष्ट करते हुए पंक्ति में निहित अलंकार का नाम लिखिए।
9.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।2+2+2=6
(क)अक्क महादेवी के वचन में ईश्वर से क्या प्रार्थना की गई?
(ख)मीरा समाज में प्रचलित परंपरागत मान्यताओं के विरुद्ध गयी। कैसे?
(ग)इस दौर में भी बचाने के लिए बहुत कुछ है– आओ मिलकर बचाएँ कविता के आधार पर इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
10.निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए–2+2+2=6
आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया, इस समय आपकी शासन–अवधि पूरी हो गई है तथापि बंग–विच्छेद किए बिना घर जाना आपको पसंद नहीं है। नादिर से भी बढ़कर आपकी जिद्द है। क्या समझते हैं कि आपकी जिद्द से प्रजा के जी में दु:ख नहीं होता, आप विचारिए तो एक आदमी को आपके कहने पर पद न देने से आप नौकरी छोड़े देते हैं, इस देश के प्रजा को भी यदि कहीं जाने की जगह होती तो क्या वह नाराज होकर इसको छोड़ न जाती?
(क)पाठ और रचनाकार का नाम लिखिए?
(ख)किसने और किस बात पर ध्यान नहीं दिया?
(ग)उल्लेखित 'जिद्द' का तत्कालीन भारत पर कैसा प्रभाव पड़ा?
अथवा
दोपहर के खाने पर दबे हुए आदमी के चारों ओर बहुत भीड़ हो गई थी। लोग तरह – तरह की बातें कर रहे थे। कुछ मनचले क्लको ने समस्या को खुद ही सुलझाना चाहा। वे हुकूमत के फैसले का इंतजार किए बिना पेड़ को अपने आप हटा देने का निश्चय कर रहे थे कि इतने में सुपरिंटेंडेंट फाइल लिए भागा–भागा आया। बोला– हम लोग खुद इस पेड़ को नहीं हटा सकते। हमलोग व्यापार विभाग से संबंधित हैं, और यह पेड़ उसकी की समस्या है, जो षि विभाग के अधीन है। मैं इस फाइल को अर्जेण्ट मार्क करके कृषि विभाग में भेज रहा हूँ। वहाँ से उत्तर आते ही इस पेड़ को हटवा दिया जाएगा।
क()गद्यांश के मूल पाठ एवं रचनाकार के नाम लिखिए।
(ख) सुपरिटेंडेंट ने पेड़ को काटने से क्यों रोका?
(ग)'मनचले क्लर्क' किन्हें कहा गया है? उन्हें मनचला क्यों कहा गया है?
11.निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए–3+3+3+9
(क)सत्यजित राय को बारिश का दृश्य फिल्माने में किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? उन्होनें उसका क्या समाधान निकाला?
(ख)'स्पीति' अन्य पर्वतीय स्थलों से किस प्रकार भिन्न है?
(ग)नेहरू जी भारतमाता किसेे मानते थे एवं इसकी चर्चा अक्सर किनसे किया करते थे?
(घ)'रजनी' एकांकी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
12.अकेली औरत को समाज में किन–किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है – 'आलो आँधारि' की लेखिका बेबी हालदार किस हद तक उनसे लोहा लेने में सफल रही? -6
अथवा
पातरपानी, पातालपानी तथा रेजाणी पानी के बारे में आप क्या जानते हैं?
13.निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए–3+3+3=9,
(क)कुमार गंधर्व को शास्त्रीय गायकों की कौन–सी बातें खलती हैं?
(ख)तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो– जेठू का यह कथन रचना संसार के किस सत्य को उद्घाटित करता है?
(ग)कुँई का मुँह छोटा क्यों रखा जाता है?
(घ)आम श्रोता किस संगीत को पसंद करता है – शास्त्रीय संगीत या चित्रपट संगीत को? कारण स्पष्ट कीजिए।
समूह–4
श्रीमती बीना गुप्ता
के.वि.सी.एम.ई.आर.आई. दुर्गापुर
कोलकाता संभाग (प. बं.)
1 comment:
Respected Sir,
Hum logon ne aapka blogspot dekha. Likhane wale shikshkon ke liye ye ek achha manch hai, bhavishya main isme hum log apni rachnaye aur pathaykram se sambandhit awashyak jankari denge.
Dr. H N Upadhyay
Deepak Sharma
PGT Comp.Science, Bhusawal
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